अरुण किरणजालै: रञ्जिताशावकाशा, विधृतजपवटिका पुस्तकाभितिहस्ता | इतरकरवराढया फ़ुल्लकल्हारसंस्था, निवस्तु हृदि बाला नित्यकल्याणशीला ||
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