श्रीबाला खड्गमाला स्तोत्रराज



श्रीबाला खड्गमाला स्तोत्रराज

अस्य श्रीबाला खड्गमाला स्तोत्रराज महामन्त्रस्य श्री दक्षिणामूर्तिः ऋषिः गायत्री छन्दः श्रीबाला त्रिपुरसुन्दरी देवता ऐं बीजं सौः शक्तिः क्लीं कीलकं श्रीबाला परमेश्वरी प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ||

ध्यानम्

बालभानुप्रतीकाशां पलाशकुसुमप्रभां
   
कमलायतनेत्रां तां विधिविष्णुशिवस्तुताम् |
 बिभ्रतीमिक्षुचापञ्च पुष्पौघं पाशमङ्कुशं
         
नमामि ललितां बालां त्रिपुरामिष्टसिद्धिदाम् ||

ऐं क्लीं सौं नमः श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि ||
हृदयदेवि शिरोदेवि शिखादेवि कवचदेवि नेत्रदेवि अस्त्रदेवि || दिव्यौघाख्य गुरुरूपिणि प्रकाशानन्दमयि परशिवानन्दमयि कामेश्वरानन्दमयि मोक्षानन्दमयि कामानन्दमयि अमृतानन्दमयि | सिद्धौघाख्य गुरुरूपिणि ईशानमयि तत्पुरुषमयि अघोरमयि वामदेवमयि सद्योजातमयि | मानवौघाख्य गुरुरूपिणि गगनानन्दमयि विश्वानन्दमयि विमलानन्दमयि मदनानन्दमयि आत्मानन्दमयि प्रियानन्दमयि | गुरुचतुष्टयरूपिणि गुरुमयि परमगुरुमयि 
परमेष्ठिगुरुमयि परापरगुरुमयि || सर्वज्ञे नित्यतृप्ते अनादिबोधे स्वतन्त्रे नित्यमलुप्ते अनन्ते || रति प्रीति मनोभवे | क्षोभणबाणमयि द्रावणबाणमयि आकर्षणबाणमयि वशीकरणबाणमयि   सम्मोहनबाणमयि | कामराजमयि मन्मथमयि कन्दर्पमयि मकरध्वजमयि मीनकेतनमयि | त्रिशक्ति - क्षोभणादि पञ्चबाणशक्ति - कामराजादि पञ्चकाम सहित प्रथमावरणरूपिणि श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || सुभगे भगे भगसर्पिणि भगमालिनि अनङ्गकुसुमे अनङ्गमेखले अनङ्गमदने अनङ्गमदनातुरे | सुभगादि अष्टशक्तिसमन्वित द्वितीयावरणरूपिणि श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || ब्राह्मि माहेश्वरि कौमारि वैष्णवि वाराहि इन्द्राणि चामुण्डे महालक्ष्मि | ब्राह्म्यादि अष्टमातृकाशक्ति समन्वित तृतीयावरणरूपिणि श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || असिताङ्गभैरवमयि रुरुभैरवमयि चण्डभैरवमयि क्रोधभैरवमयि उन्मत्तभैरवमयि कपालभैरवमयि भीषणभैरवमयि संहारभैरवमयि | 
असिताङ्गभैरवादि अष्टभैरवसहित तुरीयावरणरूपिणि श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || कामरूपपीठमयि कोल्हारपीठमयि कुलान्तपीठमयि            चौहारपीठमयि जालन्धरपीठमयि मलयपीठमयि ओड्डियाणपीठमयि देवीकोष्ठपीठमयि | कामरूपादि अष्टपीठसमन्वित पञ्चमावरणरूपिणि 
श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || 
हेतुकभैरवमयि त्रिपुरान्तकभैरवमयि वेतालभैरवमयि अग्निजिह्वभैरवमयि कालान्तकभैरवमयि 
कपालीशभैरवमयि एकपादभैरवमयि भीमरूपभैरवमयि मलयभैरवमयि हाटकेश्वरभैरवमयि | हेतुकादि दशभैरवसहित षष्ठावरणरूपिणि श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || इन्द्रमयि अग्निमयि यममयि निर्ऋतिमयि वरुणमयि वायुमयि सोममयि ईशानमयि | ब्रह्ममयि विष्णुमयि | इन्द्रादि अष्टदिक्पाल -ब्रह्मविष्णुसहित सप्तमावरणरूपिणि 
श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || वज्रमयि शक्तिमयि दण्डमयि खड्गमयि पाशमयि अङ्कुशमयि गदामयि त्रिशूलमयि पद्ममयि चक्रमयि | वज्रादि आयुधशक्तिसमन्वित 
अष्टमावरणरूपिणि श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि || वटुकमयि योगिनि क्षेत्रपालमयि गणपतिमयि अष्टवसुमयि द्वादशादित्यमयि एकादशरुद्रमयिवटुकादि दिग्देवतासहित नवमावरणरूपिणि 
श्रीबालात्रिपुरसुन्दरि ||
श्री श्री महाभट्टारिके नमस्ते नमस्ते नमस्ते स्वाहा 
सौः क्लीं ऐं ||
|| इति श्रीमन्त्रकोशे बाला खड्गमाला स्तोत्रम् ||

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